गुरुवार, 1 नवंबर 2012

दर्शक संस्था की दर्शना में दस्तक

शुरुआती दौर में ही लडख़ड़ाए कदम
मूमल नेटवर्क, जयपुर। संगीत और नृत्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित दर्शक संस्था द्वारा पेंटिंग्स और स्कल्पचर के क्षेत्र में बढ़ाए गए कदम अपने शुरूआती दौर में ही लडख़ड़ा गए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ऐसा फैकल्टीज के बीच उभरे मतभेदों के चलते हुआ।
दर्शक संस्था की ओर से पिछले मई के महीने में मालवीय नगर स्थित उनके नए भवन में पेंटिंग और स्कल्पचर के लिए डिप्लोमा व डिग्री कोर्स शुरू किए गए थे। इसके लिए दर्शक संस्था के साथ एक नया नाम भी सामने आया था जो श्रेष्ठ स्कूल ऑफ पेंटिंग एंड स्कल्चर का था। श्रेष्ठ स्कूल बीकानेर मूल की कलाकार सविता शर्मा द्वारा संचालित है, जिन्हें कला पक्ष का विभागाध्यक्ष बनाया गया। इसका एसोसिएशन दर्शक कॉलेज ऑफ म्यूजिक एंड आर्ट के साथ बताया गया। इसी के साथ जयपुर के जाने-माने मूर्तिकार हंसराज कुमावत को भी इस आयोजन में साथ लिया गया। इस संस्थान में ड्राइंग और पेंटिंग की बेसिक के साथ क्रिएटिव आर्ट, बेसिक कामर्शियल आर्ट, मीडियम एंड टेकनिक्स, ग्राफिक्स, क्राफ्ट, फोटोग्राफी, आर्ट थू्रआउट कम्प्यूटर और थ्योरी के साथ म्यूरल और स्कल्पचर के शिक्षण की बात प्रचारित की गई।
पिछले पांच महीनों में इस संस्थान से करीब 15 विद्यार्थी कला शिक्षा के लिए जुड़े। दूसरी ओर इस दौरान विभिन्न मसलों को लेकर सविता शर्मा और हंसराज कुमावत में मतभेद होने लगे। बात यहां तक बढ़ी कि कुमावत को अपने शिष्यों के साथ दर्शक संस्था के बापू नगर स्थित भवन में आकर शिक्षण कार्य करना पड़ा। ऐसे में मालवीय नगर स्थित भवन सूना होने लगा। उधर श्रेष्ठ स्कूल की सविता शर्मा ने अपने अन्य साथियों के साथ शेष बची गतिविधियों का संचालन जारी रखा है। मूमल द्वारा जानकारी चाहने पर उन्होंने बताया कि कुछ अपरिहार्य कारणों से एक फैक्ल्टी हंसराज कुमावत को उन्हें निकालना पड़ा। श्रेष्ठ स्कूल अपने समझौते के तहत दर्शक कॉलेज से जुड़ा है और अपना काम कर रहा है।
दर्शक संस्था के निदेशक राजीव भट्ट ने बताया कि श्रेष्ठ स्कूल भी हमारी ही संस्था है, हमने इसे इंट्रोड्यूस किया है और अपने चित्रकला क्षेत्र को विकसित करने का कार्य सांैपा है। यह पूछे जाने पर कि श्रेष्ठ स्कूल तो सविता शर्मा का संस्थान है और उन्होंने दर्शक संस्था के साथ मिलकर इसे चलाने के लिए भारी धन खर्च किया है। भट्ट ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है, कोई अपने बैठने के लिए कुछ फर्नीचर या अन्य संसाधन जुटाता है तो उन्हें क्या आपत्ति हो सकती है।
अब आर्ट गैलेरी भी
कला शिक्षण की क्षेत्र में कदम बढ़ाने के बाद अब दर्शक संस्था ने अपने नए भवन में एक कला दीर्घा विकसित करने की योजना भी बनाई है। यह आयोजन भी श्रेष्ठ स्कूल के साथ ही अंजाम दिया जा रहा है। इसके लिए सविता शर्मा और उनकी टीम तो है ही साथ ही बहादुर हेमराणा को भी शामिल किया गया है। यह वहीं बहादुर हैं जो नगर की सबसे प्रतिष्ठित आर्ट गैलेरी समन्वय में काम करते थे और पिछले दिनों वहां से अलग किए गए।

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